Friday 27 April 2018

28 April 2018 Special : जानिए नरसिंह जयंती की पूजा विधि, मुहूर्त और महत्व



संदीप कुमार  मिश्र:  आस्था और विश्वास के देश भारत में नरसिंह जयंती, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है।ऐसा धर्म शास्त्रों में कहा गया है कि भगवान नरसिंहविष्णु भगवान के चौथे अवतार थे।जिनके द्वारा महान दैत्य हिरण्याकश्यपू का अंत हुआ था। कहते हैं कि इसी दिन भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार (आधा मनुष्य और आधा शेर) धारण किया था।

नरसिंह जयंती का शुभ मुहूर्त
मध्याह्न संकल्प का शुभ मुहूर्त = 11:00 से 13:37
नरसिंह जयंती में सायंकाल पूजन का समय = 16:13 to 18:50
पूजा की अवधि = 2 घंटा 36 मिनट
29th अप्रैल 2018,
रविवार को नरसिंह जयंती व्रत के पारण का समय = प्रातः 06:37 बजे के बाद।
29th अप्रैल 2018 को चतुर्दशी तिथि के समापन का समय = 06:37
चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 28th अप्रैल 2018, शनिवार 07:12 बजे होगा।
जिसका समापन 29th अप्रैल 2018, रविवार 06:37 पर होगा।

नरसिंह जयंती पर व्रत महिमा :-
इस बार 28 अप्रैल 2018 को पड़ने वाली नरसिंह जयंती स्वाति नक्षत्र और शनिवार के दिन पड़ने से वैशाख के शुक्ल की चतुर्दशी व्रत के लिए अत्यंत शुभ मानी जा रही है। इस व्रत को करने के लिए खास नियमों का पालन किया जाता है। इस दिन व्रती नरसिंह जयंती से एक दिन  केवल एक बार भोजन करते हैं और व्रत के दौरान वे किसी भी तरह के अन्न का सेवन नहीं कर सकते। व्रत का पारण अगले दिन उचित मुहूर्त देखकर ही करने का विधान होता है।
नरसिंह जयंती के दिन लोग मध्याह्न में संकल्प लेकर संध्या में भगवान नरसिंह का पूजन करते है।क्योंकि कहते हैं भगवान नरसिंह सूर्यास्त के समय ही चतुर्दशी तिथि प्रबल होने पर ही अवतरित हुए थे ।

Friday 20 April 2018

जानिए क्या है महाभियोग,क्या है इसकी पूरी प्रक्रिया ? क्यों लाया जा रहा है CJI के खिलाफ महाभियोग



संदीप कुमार मिश्र: किसी राष्ट्र के संवैधानिक पद की गरीमा बनी रहे और पद का दुरुपयोग ना हो इसलिहाज से मुख्य न्यायाधीश और राष्ट्रपति को ही हटाने के लिए महाभियोग लाया जा सकता है।आईए जानते हैं कि देश में अचानक कैसे महाभियोग की चर्चा होने लगी।

दरअसल हमारे देश के मुख्य न्यायाधीश है श्री दीपक मिश्रा जी। जिनके खिलाफ विपक्ष जिसमें कई पार्टियां शामिल हैं मुख्य तौर पर कांग्रेस की अगुवाई में महाभियोग प्रस्ताव लाने की चैयारी में है।जिसके लिए कांग्रेस की अगुवाई में 7 विपक्षी दलों ने उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू से मिलकर एक प्रस्ताव सौंपा है। यहां ये जानना जरुरी है कि महाभियोग की जो प्रक्रिया है वो काफी जटिल और लंबी।जैसा कि देखने में भी आ रहा है कि पूरा विपक्ष भी कहीं ना कहीं इसके खिलाफ फिलहाल एकमत होता नजर नहीं आ रहा है,लेकिन हां देश में सियासत जरुर गर्म हो गई है।

एक बात तो मानना पड़ेगा कि हमारे देस के सियासदां अपनी राजनीति चमकाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं....चलिए फिलहाल जानते हैं कि महाभियोग की क्या है पूरा प्रक्रिया- 

आखिर क्‍या है महाभियोग ?
हमारे देश में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों को हटाने के लिए महाभियोग लाया जाता है।  इसी प्रावधान के जरिये देश के राष्‍ट्रपति को भी हटाया जा सकता है। महाभियोग का जटिल  प्रस्‍ताव ऐसे समय में लाया जाता है जब लगता है कि शीर्ष पदों पर बैठे लोग संविधान के दायरे में रहकर काम नहीं कर रहे हैं या फिर उसका उल्‍लघंन कर रहे हों। ऐसा करने या होने पर महाभियोग का प्रस्‍ताव संसद के दोने सदनो में से किसी भी सदन में लाने का प्रावधान है।आपको बता दें कि महाभियोग का जिक्र संविधान के अनुच्‍छेद 62, 124 (4), (5), 217 और 218 में स्पष्टतौर पर किया गया है।

जाने महाभियोग की क्या है प्रक्रिया
वास्तव में महाभियोग प्रस्‍ताव की प्रकिया बेहद जटिल मानी जाती है।यदि लोकसभा में इस प्रस्‍ताव को लाना हो तो 100 सांसदों के हस्‍ताक्षर होने चाहिए और यदि राज्‍यसभा में इसे लाना हो तो 50 सांसदों के हस्‍ताक्षर चाहिए होते हैं।जब इसे सदन में पेश किया जाता है तो इस पर सदन के अध्यक्ष फैसला लेते हैं वो चाहें तो इसे स्वीकार या अस्वीकार कर सकते हैं और खारिज भी कर सकते हैं।
ऐसे में यदि सदन के अध्‍यक्ष महाभि‍योग के प्रस्‍ताव को स्‍वीकार लेते हैं तो तीन सदस्‍यों की एक कमेटी उन आरोपों की जांच करती है जो जजों पर लगायी गई है। इस कमेटी में सुप्रीम कोर्ट के एक जज, हाई कोर्ट के एक चीफ जस्‍ट‍िस और कोई एक अन्‍य व्‍यक्‍ति को शामिल किया जाता है।

जब जांच कमेटी आरोपों को सही पाती है तो ही महाभियोग प्रस्ताव पर संसद में गर्मागर्म बहस होती है।और फिर संसद के दोनों सदनों में दो तिहाई बहुमत से प्रस्‍ताव का पारित होना जरूरी हो जाता है।जब दोनों सदनों में ये प्रस्ताव पारित हो जाता है तो इसे अंत में राष्ट्रपति के पास मंज़ूरी के लिए भेजा जाता है।ये जानना भी बेहद दिलचस्प है कि किसी भी जज को हटाने का निर्णय, अधिकार सिर्फ राष्ट्रपति के पास ही सुरक्षित है।

इस प्रकार से हम देखते हैं कि महाभियोग की प्रक्रिया बेहद जटिल है जिसका परिणाम है कि आज तक महाभियोग से देश में कोई भी जज आज तक हटाए नहीं गए हैं।

Saturday 14 April 2018

जाने अक्षय तृतीया पर राशि के अनुसार क्या करें खरीदारी और नवग्रहों की शांति के लिए क्या करें दान

संदीप कुमार मिश्र: अक्षय तृतीया पर किसी प्रकार की खरीदारी विना कोई मुहूर्त देके कर सकते हैं।आईए जानते हैं कि अपनी राशि के अनुसार क्या करें खरीदारी :

मेष राशि- मसूर दाल, वृषभ राशि- चावल, बाजरा,मिथुन राशि- मूंग, धनिया और वस्त्र,कर्क राशि- दूध, चावल,सिंह राशि- लाल फल, तांबा,कन्या राशि- मूंग दाल,तुला राशि-शक्कर,चावल, वृश्चिक राशि- जल, गुड़,धनु राशि- केला, पीले चावल,मकर राशि- काली दाल, उड़द, दही,कुंभ राशि - काला तिल, वस्त्र,मीन राशि- हल्दी, चना दाल।

ये तो रहा राशि के अनुसार क्या दान करें।आईए अब ये भी जानना जरुरी है कि 9 ग्रहों की शांति और शुभता के लिए हमें क्या करना चाहिए विशेष दान

हमारे सनातन धर्म में दान का विशेष महत्व बताया गया है खासकर अक्षय तृतीया पर किसी भी प्रकार के दान का अतिविशेष महत्व होता है।ज्योतिष के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन सूर्य और चंद्रमा अपनी उच्च राशि में स्थित होते हैं।जिस वजह से इस दिन को अबूझ मुहूर्त कहा जाता है।दरअसल सूर्य और चंद्रमा दोनों ही महत्वपूर्ण ग्रह हैं। चंद्रमा जहां मन का स्वामी माना जाता है और सभी प्रकार के परिणामों को सीधे प्रभावित करता हैं, वहीं सूर्य नक्षत्र मंडल के स्वामी माने जाते हैं और केंद्र बिन्दु हैं।


आज के दिन मंगल की शुभता और कर्ज से मुक्ति के लिए सत्तू, लाल चंदन, गुड़, लाल वस्त्र, ताम्रपात्र तथा फल-फूल का दान मंदिर में करना चाहिए।चंद्र की शुभता और मन की शांति के लिए चावल, घी, चीनी, मोती, शंख, कपूर का दान करें।सूर्य की शांति के लिए जौ का सत्तू, गेहूं, मसूर, घी, गुड़, शहद, मूंगा आदि का दान करें।बुध की अनुकूलता के लिए हरा वस्त्र, मूंग दाल, हरे फल तथा सब्जी का दान करें।गुरु की प्रसन्नता के लिए केले के पेड़ में हल्दी मिश्रित जल चढ़ाकर घी का दीपक जलाएं। केला, आम, पपीता का दान करें।शुक्र शांति के लिए सुहागिनों को वस्त्र एवं शृंगार सामग्री देकर सम्मानित करें। सत्तू, ककड़ी, खरबूजा, दूध, दही, मिश्री का दान करें।शनि-राहु के लिए एक नारियल को मोती में लपेटकर सात बादाम के साथ दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर में चढ़ाएं।केतु अनिष्टकारक हो तो सप्त धान्य, पंखे, खड़ाऊ, छाता, लहसुनिया और नमक का दान करें।

इस प्रकार से दान का महत्व हमारे धर्म शास्त्रों में बताया गया है खासकर अक्षय तृतीया पर।हम सभी कामना करते हैं कि अक्षय तृतीया आपके जीवन में उन्नति,तरक्की और खुशहाली लेकर आए।

18 अप्रैल 2018 विशेष: अक्षय तृतीया पर करें दान-पुण्य : मिलेगा अनंत फल

संदीप कुमार मिश्र: अटल सौभाग्य का पवित्र पावन त्योहार है अक्षय तृतीया।इसीलिए वैवाहिक जीवन के शुभारंभ के लिए सबसे पवित्र दिन माना जाता है अक्षय तृतीया।कहते हैं कि दान-पुण्य करने से अक्षय फल की मिलता है। अक्षय तृतीया के दिन गुड़, चांदी, नमक, शहद, गौ, भूमि, तिल, स्वर्ण, घी, वस्त्र, धान्य, और कन्या दान करने का महत्व बताया गया है।कहा जाता है कि इस दिन आप जो कुछ भी जान करते हैं उसका चार गुना फल आपको मिलता है।

मित्रों वैसे तो प्रत्येक माह में पड़ने वाली शुक्ल पक्ष की तृतीया शुभ होती है लेकिन धर्म ग्रंथों में वैशाख माह की तृतीया स्वयंसिद्ध मुहूर्त मानी गई है। इसलिए इस दिन बिना पंचांग देखे शुभ व मांगलिक कार्य किए जाते हैं।इसलिए ही ज्यादातर शुभ कार्यों का आरंभ भी इसी दिन होता है।
अक्षय तृतीया या आखा तीज वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि है। अक्षय अर्थात जिसका कभी क्षय नहीं हो। माना जाता है कि इस दिन जो भी पुण्य अर्जित किए जाते हैं उनका कभी क्षय नहीं होता है। इस दिन आरंभ किए गए कार्य भी शुभ फल प्रदान करते हैं। अक्षय तृतीया के दिन हिन्दू धर्म के मानने वाले श्रद्धा भाव के साथ गंगा स्नान भी करते हैं और पूजन अर्चन भी करते हैं।
आभूषण खरीदने के लिए अक्षय तृतीया का दिन शुभ माना जाता है।कहते हैं कि इस दिन खरीदा गया सोना अखंड सौभाग्य प्रदान करता है।इतना ही नहीं यदि आप किसी काम को आज के दिन शुरु करना चाहते हैं तो आपका कारोबार दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ता है और फलता-फूलता है।

अक्षय तृतीया पर क्यों किया जाता है दान : 14 प्रकार के दान का अत्यधिक महत्व

अक्षय तृतीया के दिन 14 प्रकार के दानों को सर्वश्रेष्ठ बताया गया है। 1. गौ, 2. भूमि, 3 . तिल, 4. स्वर्ण, 5 . घी, 6. वस्त्र, 7. धान्य, 8. गुड़, 9. चांदी, 10. नमक, 11. शहद, 12. मटकी, 13 खरबूजा और 14. कन्या।

अक्षय तृतीया पर सुख समृद्धि और सौभाग्य की कामना करने वाले भगवान शिव-पार्वती और नर नारायण की पूजा करते हैं।जैसा कि हम जानते हैं तृतीया मां गौरी की तिथि है। इस दिन गृहस्थ जीवन में सुख-शांति की कामना से की गई पूजा-अर्चना और प्रार्थना तुरंत स्वीकार की जाती है।

18 अप्रैल 2018 विशेष: सर्वार्थसिद्धि योग में मनेगी अक्षय तृतीया,जानिए शुभ मुहूर्त और महत्व...

संदीप कुमार मिश्र: त्योहारों,उत्सवों का संबृद्ध देश है भारत।भारत की संपन्नता का मूल आधार भी यहां की संस्कृति,संस्कार और सर्वधर्म समभाव की भावन ही है जिससे भारत विश्व गुरु के पद पर सुशोभित है।एक त्योहार संपन्न होता है कि दूसरे की तैयारीयां हमारे देस में शुरु हो जाती है।यही विशेषता हमें औरों से भिन्न बनवाती है।

दरअसल हम सब जानते हैं कि वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया का त्योहार मनाया जाता है जिसे आखातीज भी कहा जाता है।धर्म ग्रंथों में ऐसा कहा गया है कि 'अक्षय' यानी- जिसका कभी क्षय ही ना हो,कहने का मतलब जो कभी नष्ट ही न हो।इसलिए अक्षय तृतीया पर किए जाने वाले किसी भी प्रकार के दान-पुण्य से मनोवांछित लाभ प्राप्त होता है।इसलिए कहा जाता है कि किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत अक्षय तृतीया पर ही करनी चाहिए।

इस साल अक्षय तृतीया 18 अप्रैल2018,दिन बुधवार को पड़ रही है।हमारे हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार इस दिन विवाह करने वालों को अखंड सौभाग्य की प्राप्ती होती है।हिन्दू पंचांग के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन से ही मांगलिक कार्य, व्यापार आरंभ, मुंडन संस्कार, शुभ विवाह, गृह निर्माण, गृह प्रवेश, देव प्रतिष्ठा, जैसे सभी प्रकार के शुभ कार्य प्रारंभ हो जाते है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार लगभग 11 वर्ष के बाद इस बार अक्षय तृतीया पर पूर्णकालिक यानी 24 घंटे का सर्वार्थसिद्धि योग का अतिविशेष महासंयोग बन रहा है,जो सभी प्रकार के कार्यों के लिए शुभदायक,फलदायक है।

अक्षय तृतीया का शुभ-मुहूर्त
18 अप्रैल2018
तृतीया तिथि प्रात: 4.47 बजे से प्रारंभ,समापन रात 3.03 बजे तक ।

इस दिन पूरे समय खरीदारी की जा सकती है। हम कामना करते हैं है कि सर्वार्थसिद्धि योग के इस महासंयोग में पड़ने वाली अक्षय तृतीया आपके जीवन में अनंत-अपार सुख-समृद्धि लेकर आये।।।

Thursday 12 April 2018

उन्नाव रेप मामला,यूपी की योगी राज पर घोर कलंक !




कब मिलेगा इंसाफ ?क्या ऐसे ही बेटी बचावो बेटी पढ़ाओ का सपना होगा साकार ???
संदीप कुमार मिश्र : शर्म आती है ऐसी व्यवस्था और राज पर..जहां मानवता शून्य हो जाती है और अनाचार ,दुराचार का बोलबाला बढ़ जाता है...क्या फर्क है पूर्व की सरकारों और वर्तमान की सरकार में।व्यवस्थाएं तो जस की तस है...क्या ऐसे आएगा रामराज्य? अरे फैसला जब होगा तब होगा लेकिन अन्याय होता देख आंख पर पट्टी बांधे कैसे रह सकता है कोई...बीजेपी के वर्तमान नेताजी लोगों को एक बात ध्यान में रखनी चाहिए कि ये पार्टी आपके द्वारा सींची गई होती तो कब की नेस्तनाबूत हो गई होती लेकिन ये पार्टी देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी के अथक परिश्रम और संघर्षों से तैयार हुई पार्टी है जिन्होंने एक मत कम पड़ जाने पर सत्ता छोड़ना स्विकार किया लेकिन सिद्धांतों से समझौता नहीं किया...और आज ?....सत्ता के लिए कुछ भी...? ये स्वस्थ लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं...
अरे सत्ता आती रहेगी जाती रहेगी....जनमन के विश्वास की सत्ता होती है....विश्वास खतम तो रावण के सोने की लंका की तरह सब कुछ जल कर राख और खाक हो जाएगा...जैसा कांग्रेस के साथ पूर्व में हुआ। इसलिए अभिमान को त्यागकर स्वाभिमान के साथ न्याय को सर्पोपरि रखते हुए कार्य को आगे बढ़ाना चाहिए।एक नहीं एक दर्जन विधायकों,मंत्रियों की कुर्बानी देनी पड़े तो दे दिजिए साब लेकिन जनमन के विश्वास को कम मत होने दिजिए...
और खासकर केसरिया रंग की चमक मत फिकी पड़ने दिजिए।क्योंकि यही वो रंग है जो आंखों और मन को चुभता नही सूकुन देता है।बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के पावन संकल्प को जुमला मत बनने दें।विरोधी तो तैयार ही बैठे हैं,आखिर क्यों एक के बाद एक अवसर प्रदान करते जा रहे हैं।प्रयास जहां जातिवाद,संप्रदायवाद को खत्म कर गरीबी,भुखमरी,बेरोजगारी से देश की जनता को निजात दिलाकर शिक्षा और स्वास्थ्य पर बल देने की है वहां एक बेटी को न्याय नहीं मिल पा रहा है,एक पिता की ऐसी हत्या ???????


#उन्नाव #रेप #न्याय #बेटी बचाओ #न्याय की गुहार #योगीराज #कलंक गाथा #एक पिता की हत्या #अंधा कानून

Wednesday 11 April 2018

18 अप्रैल 2018 से शनि होंगे वक्री,जाने किन राशिवालों की खुलेगी किस्मत ?


संदीप कुमार मिश्र : शनी की बदलेगी चाल...होगा कैसा प्रभाव...क्या कहते हैं आपके सितारे...किन राशिवालों की खुल जाएगी किस्मत...दरअसल 18 अप्रैल से यानी बुधवार से शनि वक्री होने जा रहे है। हमारे ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 18 अप्रैल को शनी धनु राशि में वक्री होगा जो कि गुरुवार प्रात: 6 सितंबर 2018 की शाम तक वक्री रहेगा।इस प्रकार से शनि 142 दिनों के लिए वक्री होने जा रहे हैं।
आईए जानते हैं कि शनि के वक्री होने का 12 राशियों पर क्या होगा असर

:मेष राशि:
करियर रोजगार में उतार चढ़ाव बना रह सकता है।अत्यधिक परिश्रम की आवश्यकता है।

:वृष राशि:
वृष राशि वालों को पारिवारिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है।संबंधों में खटास ना आने दें,ज्यादा बोलने से बचें,वाणी पर संयम रखें।

:मिथुन राशि:
शनि के वक्री होने से मिथुन राशि वालों को लाभ मिलेगा, कार्य में सफलता भी मिलेगी। मान सम्मान बढ़ेगा और संभव है कोई शुभ समाचार अचानक मिल सकता है।

:कर्क राशि:
कर्क राशि वालों को पारिवारिक परेशानी दुखी कर सकती है। परिजनों के साथ किसी मुद्दे पर मतभेद हो सकता हैं।चुप रहना भी संबंधों को कभी कभी बेहतर बनाता है,अन्यथा ज्यादा बोलने से बचें।

:सिंह राशि:
इस साल प्रेम विवाह के प्रबल योग बन रहे हैं,कुछ मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है,पारिवारिक नाराजगी भी झेलनी पड़ सकती है,सामंजस्य बनाकर आगे बढ़ें।

:कन्या राशि:
कन्या राशि वालों के लिए ये समय बेहतर और लाभदायक होगा।अकस्मात धन की प्राप्ति का योग बन रहा है। इस राशि के लोगों को उनके कामों में परिवार के लोगों का पूरा सहयोग मिलेगा और सफलता कदम चूमेगी।

:तुला राशि:
दृढ़ निश्चय के साथ सफलता मिलेगी। मानसिक तनाव से बचें। छोटी या लंबी दूरी की यात्रा पर जाने की संभावना भी है।

:वृश्चिक राशि:
थोड़ा मुश्किलों भरा दौर है। पारिवारिक अशांति बढ़ सकती है। रिश्तों में दरार भी आ सकती है। संभव है परिवार से दूर भी रहना पड़े,धैर्य रखें,समय हर घाव भर देता है।

:धनु राशि:
इस समय आपको मानसिक तनाव और समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि पारिवारिक जीवन में आपके भाई-बहनों को खुशियां और समृद्धि प्राप्त होगी।जिससे सुख की अनुभूति होगी।

:मकर राशि:
स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखें नहीं तो परेशानी बढ़ सकती है। धन हानि हो सकती है। खर्चों में वृद्धि हो सकती है नियंत्रण रखें।एक सुखद विदेश यात्रा के योग भी बन रहे हैं। कमाई के कई नए अवसर मिलने का योग बन रहा है। यह समय आपके लिए बहुत अनकूल साबित होगा।

:कुंभ राशि:
शनि के वक्री होने से कुंभ राशि के लोगों को कहीं से धन प्राप्त हो सकता है। कुंभ राशि के लोगों को उनकी संपत्ति की वजह से भी धन लाभ का प्रबल योग बन रहा है।

:मीन राशि:
साल 2018 में आपकी आय के श्रोत में कमी आ सकती है और खर्च बढ़ सकता है। इसलिए धन की बर्बादी से बचें और संयम रखें।हां थोड़ी देरी से ही सही लेकिन सफलता मिलने के योग बन रहै हैं।