Friday 30 June 2017

जानिए कैसे पड़ा इस मंदिर का नाम टपकेश्वर महादेव मंदिर


संदीप कुमार मिश्र- देहरादून की खूबसूरत वादियों में स्थित है एक धार्मिक स्थल जो भगवान शिव के प्रमुख धाम टपकेश्वर के नाम से जाना जाता है....यह मंदिर देहरादून के गढ़ी कैंट क्षेत्र में नदी के किनारे स्थापित है...मंदिर में स्थित गुफा में भगवान शिव के शिवलिंग रूप के दर्शन किए जाते हैं...जहां यह शिवलिंग स्थापित है उस स्थान पर एक चट्टान से जल कि बूंदे हमेशा ही इस शिवलिंग पर टपकती रहती हैं...इस अदभुत चमत्कार के कारण ही इसे टपकेश्वर कहा जाता है।
टपकेश्वर मंदिर एक प्राचीन मंदिर है...जो पौराणिक तीर्थस्थल है...यहां पर स्थित स्वयंभू शिवलिंग टपकेश्वर महादेव के नाम से विख्यात है...सभी शिव भक्तों के लिए यह एक महत्वपूर्ण स्थान है....
इस मंदिर में जिस स्थान पर शिवलिंग की स्थापना है...उसके ठीक ऊपर की चट्टान से हमेशा ही पानी की बूंदें शिवलिंग पर टपकती रहती हैं.... ।।।

पौराणिक कथाओं के अनुसार यह स्थान गुरु द्रोणाचार्य की साधना स्थली भी रहा है....उन्हीं के द्वारा यहां शिवलिंग की स्थापना किये जाने की लोक कथाएं प्रचलित हैं....
टपकेश्वर महादेव मंदिर का मुख्यद्वार बड़े ही सुंदर तरिके से बनाया गया है...सुनहरे रंग से लिखा हुआ टपकेश्वर महादेव का नाम दूर से ही नज़र आने लगता है...
इस मंदिर की खास बात ये है कि यहां आने वाले भक्त गुफा में प्रवेश करते ही झुक जाते हैं...और सबसे खास बात ये कि गुफा की दिवारों से पानी की बुंदे गिरती रहती हैं...ये पानी कहां से आता है...ये कोई नहीं जानता...आश्चर्य कर देनें वाला ये दृश्य हमारे मन में आस्था और भक्ती को और मजबुत कर देती है...पहाड़ों से गिरती हुई यही पानी की बुंदें महादेव के पिंड़ी रूप पर गिरती है...
भगवान भोलेनाथ की महिमाअद्भुत है...हमारी  जितनी आस्था भगवान के उतनें रूप...और हर रूप निराला.... तभी तो उत्तराखण्ड को देवभूमी कहते हैं जहां देवी देवताओं का वास होता है...प्राकृतिक रूप से सम्पन्न हिमालय की सुंदर घाटियों में बसे देहरादून में बाबा का ये मंदिर यहां की सुंदरता को और बढ़ा देता है...।।।

टपकेश्वर महादेव का ये मंदिर सिद्धपीठ माना जाता है...लोकमान्यता है कि जो कोई श्रद्धालु सच्चे मन से इस स्थान पर विधिवत पूजा कर भगवान शिव से प्रार्थना करता है...उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है।।।

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