Thursday 29 December 2016

‘ऊं नम: शिवाय’ मंत्र का करें जाप:आप पर होगी महादेव की कृपा

संदीप कुमार मिश्र- शिव ही सत्य हैं...शिव ही सुंदर हैं...भगवान शिव की पूजा आराधना कलियुग में विशेष फलदायी है...शिव आदिदेव हैं...महादेव हैं..आशुतोष हैं...भोलेभंडारी हैं...।भगवान शिव के मंत्र ऊं नम: शिवायकी महिमा का वर्णन पुराणों में भी किया है...इस मंत्र की महिमा बताई गई है।
कहा जाता है कि प्राचीन काल में हमारे ऋषियों-मुनियों ने ऊं नम: शिवाय मंत्र को मोक्षदायी, शिवस्वरूप और स्वयं शिव की आज्ञा से सिद्ध माना है...। शिव महापुराण में ऊं नम: शिवाय मंत्र की महत्ता का वर्णन किया गया है। ऊं नम: शिवायमंत्र विभिन्न प्रकार की सिद्धियों से युक्त है। आदिदेव महादेव के साधकों के मन को प्रसन्न एवं निर्मल करने वाला मंत्र है ऊं नम: शिवाय...। इसका जप करने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं...।
किसी भी गृहस्थ को सुख शांति प्राप्ति के लिए शिवलिंग की पूजा अवश्य करनी चाहिए और भगवान शिव के षड्क्षर मंत्र ऊं नम: शिवायका जप करना चाहिए।
वहीं धन धान्य की चाह  रखने वाले साधक को भगवान शिव के शिवलिंग पर बिल्व पत्र और बिल्व फल अर्पित करके पूजा करनी चाहिए।जब भी भक्त शिव जी पर बिल्व पत्र,फल अर्पित करें तो ऊं नम: शिवायमंत्र का जप करते रहें...।।
हमारे धर्म शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि ऊं नम: शिवाय मंत्र सर्वशक्तिमान और ऊर्जा से परिपूर्ण है...जिसका पाठ और ध्यान करने से प्राणी के समस्त दुखों का नाश होता है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।क्योंकि शिव का अर्थ ही है कल्याणकारी। लिंग का अर्थ है सृजन। सृजनहार के रूप में उत्पादक शक्ति के चिन्ह के रूप में लिंग की पूजा की जाती है।भगवान भोलेनाथ आप सभी का कल्याण करें।ऊं नम: शिवाय।।

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